Chidiya rani ki kahani hindi mein

Chidiya rani ki kahani hindi mein

Chidiya rani ki kahani hindi mein, आज चिड़िया रानी अपने घर से दूर हो गयी थी. क्योकि कुछ समय पहले आये तूफ़ान ने उन पेड़ो को भी गिरा दिया था. जिन पर पक्षी ने अपना घोसला बनाया था. मगर वह चिड़िया रानी सोच रही थी. अब यहां पर रुकने का कोई मतलब नहीं है. क्योकि अब यहां पर सभी पेड़ नष्ट हो गए है. वह “चिड़िया रानी” उड़कर दूर कही पर जाती है. वह एक रानी को देखती है. जोकि महल की छत पर घूम रही थी.

चिड़िया रानी की एक कहानी :- Chidiya rani ki kahani hindi mein

Chidiya rani ki kahani hindi mein

वह “चिड़िया रानी” उसे देखती है. मगर तभी रानी का पैर फिसलने वाला होता है. मगर वह चिड़िया रानी अचानक रानी के सामने आते है. अब रानी बच जाती है. वह देखती है. आगे वह गिर सकती थी. शायद रानी कुछ सोच रही थी. इसलिए वह आगे की समस्या को नहीं देख पायी थी. मगर आज वह खुश थी. क्योकि {चिड़िया रानी} ने उसे बचा लिया था. राजा को भी वह रानी सब कुछ बता देती है. राजा कहते है की अगर तुम्हे वह चिड़िया रानी पसंद है. तो तुम रख सकती हो. वह रानी उस चिड़िया रानी को सब कुछ देती है. मगर उसे पिंजरे में नहीं रखती है.

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कुछ दिन बाद एक चोर महल में आता है. वह राजा और रानी के कमरे में आ गया था.

वह कुछ चोरी करना चाहता था. मगर जब वह [चिड़िया रानी] देखती है. वह शोर करने लगती है.

शोर की वजह से राजा और रानी उठ जाते है. वह देखते है की एक चोर भाग रहा था.

वह कुछ नहीं ले पाया था. मगर वह चोर बचकर भाग गया था.

राजा उस (चिड़िया रानी) को देखते है वह कहते है

आज इसने हमे समय से जगा दिया है. अगर हम दोनों सोते रहते

तो शायद वह चोर कुछ भी ले जा सकता था. मगर आज मुझे लग रहा है.

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Chidiya rani ki kahani hindi mein, यह चिड़िया रानी हमारे लिए बहुत अच्छी साबित हुई है. रानी कहती है. आज इसने हमारी बहुत मदद की है. मेरी भी मदद इस {चिड़िया रानी} ने की थी. राजा कहता है की आज के बाद यह मेरी भी चिड़िया रानी है. वह चिड़िया रानी बहुत खुश थी. क्योकि आज उसे एक अच्छा परिवार मिल गया था. वह उनके साथ में रह सकती थी. इसलिए जीवन में हमारे अच्छे कर्म ही हमे आगे बढ़ाते है. अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है. शेयर जरूर करे.   

एक घर और चिड़िया रानी की कहानी :- Chidiya rani ki kahani hindi mein

वह {चिड़िया रानी} एक घर की खिड़की के पास अपने घोसले में रहती थी. वह उस घर के सभी लोगो को जानती थी. क्योकि वह बहुत समय से रहती थी. उस घर में एक छोटू नाम का लड़का रहता था. वह अक्सर उस [चिड़िया रानी] को देखा करता था. क्योकि वह उसकी खिड़की के पास ही रहती थी. मगर छोटू को लगता था. अगर वह उस चिड़िया रानी को पकड़ सकता तो बहुत अच्छा होता. मगर उसकी माता कहती थी.

 

तुम्हे यह सब नहीं करना है. क्योकि इससे चिड़िया रानी डर सकती थी.

इसलिए वह कुछ नहीं कहता है.एक दिन तेज तूफ़ान आता है.

छोटू की खिड़की भी बहुत हिलने लगती है. क्योकि बहुत तेज तूफ़ान आ रहा था.

उस “चिड़िया रानी” का घोसला टूट जाता है. वह छोटू उसे देखता है.

वह चिड़िया रानी के लिए खिड़की खोल देता है. वह अंदर आती है.

क्योकि चिड़िया रानी छोटू को जानती है. वह उसे हमेशा देखा करती थी.

आज छोटू ने उसकी बहुत मदद की थी. इसलिए (चिड़िया रानी) उसके हाथ पर आती है.

यह देखकर छोटू बहुत खुश हो जाता है.

 

Chidiya rani ki kahani hindi mein, जब माता उसे देखती है. तो उन्हें भी यकीन नहीं होता है की चिड़िया रानी उसके हाथ पर बैठ गयी है. तभी माता कहती है. अगर तुम किसी से बहुत प्यार करते हो तो वह भी तुम्हे प्यार ही करता है. (चिड़िया रानी) को छोटू बहुत अच्छा लग रहा था. तभी वह चिड़िया रानी उसके हाथ पर आयी थी. अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है. शेयर जरूर करे.

चिड़िया और कौवे की कहानी

वह “चिड़िया” एक पेड़ पर बैठ जाती है. कुछ समय बाद एक कौवा भी आता है. वह भी पेड़ पर बैठ जाता है. वह देखता है की एक चिड़िया पहले से बैठी है. वह कहता है की तुम्हे भोजन कहा पर मिलता है यह सुनकर वह [चिड़िया] कहती है. मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ती है. बहुत दूर तक भोजन की तलाश में जाना होता है. यह सुनकर वह कौवा कहता है की मुझे भोजन की तलाश करना अच्छा नहीं लगता है.

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क्योकि मुझे तो भोजन बिना मेहनत के चाहिए होता है.

मगर वह चिड़िया कहती है.

की भोजन बिना मेहनत के नहीं मिलता है. फिर वह कौवा कहता है

की आज तक मुझे मिल रहा है

मगर (चिड़िया) कहती है की अगर ऐसा कभी हुआ की

तुम्हे बिना मेहनत के भोजन नहीं मिल पाया तो क्या होगा.

मगर वह कौवा इस बारे में नहीं सोचता है.

क्योकि शायद उसे कभी जरूरत नहीं पड़ी थी. लेकिन चिड़िया ने उसे बताया था.

अगर ऐसा नहीं हुआ तो क्या होगा. मगर कौवा ध्यान नहीं देता है.

 

Chidiya rani ki kahani hindi mein, एक दिन वह भी आ गया था. उस कोवा को पूरा दिन हो गया था. उसे भोजन नहीं मिल पाया था. जबकि वह चिड़िया मेहनत पर ध्यान देती है उसे पता है. की अगर वह जीवन में मेहनत करती है तो उसे भोजन मिल सकता है. उस दिन वह कौवा पेड़ पर बैठा था बहुत भूखा था. उसने आज कुछ भी नहीं खाया था. क्योकि उसे भोजन नहीं मिल पाया था. जब <चिड़िया> ने पूछा तो उसने बताया था की आज उसे भोजन नहीं मिल पाया है. तभी वह चिड़िया कहती है जीवन में मेहनत बहुत जरुरी होती है. उसके बाद ही भोजन मिलता है. फिर वहग चिड़िया की यह सीख याद कर चुका था. इसलिए जीवन में मेहनत बहुत जरुरी होती है.

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